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क्या आज भी नारी अबला ?

क्या आज भी नारी अबला ?

आशा और अरमान अनेक है
और मन कहता है कुछ न कुछ मैं काम करूं
पर अनेकों परिवार के सदस्य
आज भी नारी का साथ नही देते है
ऐसी दशा में नारी क्या करें
क्या आज भी नारी अबला है।
कहतें है सभी इस जहां में
नारी को भी चाहिए जीने के लिए
पैसा धन और दौलत
इसके लिए उन्हें चाहिए
साथ सभी अपनों का
पर उनकी इच्छाओं को आज भी दबाई जाती है
ऐसी दशा में नारी क्या करें
क्या आज भी नारी अबला है।
जन्मी तो मां के आखों में आसूं दिखें
गोद में थी तो पिता चिंता में दिखें
बड़ी हुई तो भाई भाई डरते दिखें
शादी हुई तो पति फिक्र करने लगे
इतिहास गवाही देता है इस तथ्य का
नारी की इच्छाओं को आज भी दबाई जाती है
ऐसी दशा में नारी क्या करें
क्या आज भी नारी अबला है।

नूतन लाल साहू

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1 Comments

Gunjan Kamal

28-Jul-2023 08:16 AM

बहुत खूब

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